Saturday, 12 January 2008

पहाड- पर पहाड-
बताया गया
कोशिश चल रही थी
समाजवाद लाने की
बिगुल बने
अशव सजे माच् फ*ट हुए
कदम मिलने पर
तालिया बजी
पर आंखे खाुली
तो बस बाजार थे
दुखाों के पहाड
दो दुनी चार थे।एक कॉमरेड का भाषण
आज की बेवास्थ पर अर्ज
तम्तमय हुआ चहरे
aloka

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