Monday, 25 August 2008

अब बनेंगे बांध आंसू के।

अलोका
कोई कोना देश काबांध बांधने से बचा नही।
नदी का किनाराबांध से अछुता नही।

नाली के पानी तक कोबांधने की योजना चल पड़ी।

सागर के पानी

देशो में बटवारा हो चुकी।

कई नदियां अब बिक चुकीधरती का पानी बचा नहीं

लगते लगाम

आंसू पर अब बंधेगे बांध आंसू के

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