Wednesday, 27 August 2008

सरकारी नीति


अलोका


देहरी पर खड़ी भूख
सरकारी योजनाओं के साथ
उगते है सवाल..........
अधिकार का इमान का
नैतिकता व पहचान का
नानी की कहानी का
समीकरण है, यह खेल का
या विज्ञान के रेल का
दर असल.....
नीतियां योजनाओं होती है,
गुलाब की तरह
रंग होती है, सुगंध होती है
पर होेते है चारों तरफ कांटे
जिनका होता है मुरझाना तय
पड़ जाता है विराम
फिर
आम- आवाम
गांव- गिरांव
जैसा था कल
रह जाता है आज
यही है
सरकारी नीति व योजना का राजनये जमाने के साथ
मजदूर किसान आम जनता
बन जाते है सवाल

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